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सऊदी अरब ने बांग्लादेश में अपने दूतावास के दो पूर्व कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। सऊदी अरब की भ्रष्टाचार रोधी एजेंसी ने बांग्लादेश में अपने दूतावास के दो पूर्व कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। इन दोनों पर सऊदी अरब को वर्क वीजा जारी करने में बड़े घोटाले में शामिल होने का आरोप है। इस घोटाले में 11 अन्य लोगों के खिलाफ भी आरोप हैं।
सऊदी अरब की एंटी करप्शन अथॉरिटी नाजा ने ट्विटर पर इस बात की जानकारी दी है। गिरफ्तार किए गए लोगों में दूतावास के कांसुलर विभाग के पूर्व प्रमुख अब्दुल्ला फलाह मुदी अल-शमारी और उनके सहायक खालिद नस्र अयाद अल-कहतानी शामिल हैं।
नाझा के मुताबिक गृह मंत्रालय के दो अधिकारी, आठ बांग्लादेशी नागरिक और एक फलस्तीनी निवेशक भी इस धोखाधड़ी में शामिल हैं.
इन अधिकारियों को कथित तौर पर दूतावास में काम करने के दौरान कार्य वीजा जारी करने के लिए $14.4 मिलियन प्राप्त हुए। यह राशि किश्तों में दी गई।
डेली स्टार के मुताबिक, दोनों आरोपियों ने स्वीकार किया है कि उन्होंने रिश्वत के पैसे सऊदी अरब भेजे और इसका कुछ हिस्सा विदेश में निवेश कर दिया.
2- बांग्लादेश में दो पवित्र मस्जिदों के अभिरक्षक के दूतावास में कांसुलर अनुभाग के उप प्रमुख: खालिद नासिर आयद अल-क़ाहतानी।
निवासियों के साथ उनकी मिलीभगत के लिए और प्राप्त करने के लिए, दूतावास में काम करते हुए, किश्तों में 54,000,000 एसआर,– निरीक्षण और भ्रष्टाचार विरोधी प्राधिकरण (@nazaha_en) 4 मार्च, 2023
डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, इसी तरह, लगभग दो महीने पहले, तीन सऊदी अधिकारियों को परमिट जारी करने के लिए भर्ती एजेंसियों से रिश्वत लेने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। तीसरे कर्मचारी के नाम का खुलासा नहीं किया गया है। इनमें से दो को अब गिरफ्तार कर लिया गया है।
सऊदी और बांग्लादेशी मीडिया के मुताबिक करीब एक साल पहले ढाका स्थित सऊदी दूतावास ने नियमों का उल्लंघन किया और भर्ती एजेंसियों से प्रत्येक वर्क वीजा के लिए 220 से 250 डॉलर चार्ज करना शुरू कर दिया.
धोखाधड़ी में शामिल कुछ आरोपियों के घरों में छापेमारी कर 50 लाख से अधिक की नकदी, सोना और वाहन जब्त किए गए हैं.
नाजा के मुताबिक, खुलासा हुआ है कि यह सारी कमाई सऊदी अरब में वर्क वीजा बेचकर की गई।
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